THE SHIV CHALISA IN HINDI DIARIES

The shiv chalisa in hindi Diaries

The shiv chalisa in hindi Diaries

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थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

शिव आरती

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।

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त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में more info भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।

जो यह पाठ करे Shiv chaisa मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥

कमल नयन पूजन चहं सोई ॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।

कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते shiv chalisa in hindi मोहि आन उबारो॥

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

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